तुलसी इन रोगों को करेगी जड़ से खत्म
आयुर्वेद में तुलसी तथा उसके विभिन्न औषधीय गुणों का एक विशेष स्थान है.तुलसी को संजीवनी बूटी के समान भी माना जाता है आयुर्वेदिक चिकित्सा में तुलसी के पौधे के हर भाग को स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद बताया गया है.तुलसी की जड़ उसकी शाखाएं पत्ती और बीज सभी का अपना-अपना अलग महत्व रखते है.आमतौर पर घरों में दो तरह की तुलसी देखने को मिलती है एक जिसकी पत्तियों का रंग थोड़ा गहरा होता है और दूसरा जिसकी पत्तियों का रंग हल्का होता है.तुलसी शरीर का शोधन करने के साथ-साथ वातावरण का भी शोधन करती है तथा पर्यावरण संतुलित करने में भी मदद करती है.
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1.टीबी के रोग को करे दूर- तुलसी दमा और टीबी रोग में बहुत लाभकारी है.रोज़ाना तुलसी खाने से दमा और टीबी नहीं होता तुलसी के औषधीय गुण के कारण यह बीमारी के लिए ज़िम्मेदार जीवाणु को बढ़ने से रोकती है.शहद अदरक और तुलसी को मिलाकर बनाया गया काढ़ा पीने से दमा कफ और सर्दी में राहत मिलती है.
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2.मलेरिया रोगियों के लिए- तुलसी की 11 पत्तियों का 4 काली मिर्च के साथ सेवन करने से मलेरिया और टाइफाइड को ठीक किया जा सकता है.मच्छरों के काटने से होने वाली ज़्यादातर बीमारियों का इलाज तुलसी के सेवन के द्वारा किया जा सकता है.
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3.बुखार के लिए- सभी प्रकार के बुखार को जड़ से खत्म करने के लिए तुलसी कारगर साबित होती है.20 तुलसी दल और 10 काली मिर्च मिलाकर बनाए गए काढ़े को पीने से पुराने से पुराना बुखार छू-मंतर हो जाता है.तुलसी की मदद से किसी भी तरह के बुखार को बगैर पैरासिटामॉल और एंटीबायोटिक के उपयोग के भी ठीक किया जा सकता है.
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4.आँखों के रोगों को करे दूर- तुलसी के पत्तों का दो-दो बूंद रस 14 दिनों तक आंखों में डालने से रतौंधी ठीक हो जाती है.आंखों का पीलापन ठीक होता है आंखों की लाली दूर करता है.तुलसी के पत्तों का रस काजल की तरह आंख में लगाने से आंख की रौशनी बढ़ती है.
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